मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जब दिमाग अपने नियंत्रण में नहीं होता और चिंताएं आप पर हावी होने लगती हैं, तो ना चाहते हुए भी सो पाना संभव नहीं हो पाता। मगर ज्यादातर लोग स्लीप पैरालिसिस paralysis नाम की बीमारी से अवगत नहीं होगें। चलिए आपको इसके बारे में बता दें कि जिन्हें नींद में ऐसा लगता है उनके पैरों को किसी ने खींच लिया हो या फिर कहीं से गिर गए हों। जिसके कारण आप चौंक कर उठ खड़ें होते हैं। तो यह सब सिर्फ और सिर्फ आपकी मांसपेशियों की ऐंठन की वजह से होता है। हालिया रिसर्च के अनुसार हम भले ही सो जाएं लेकिन हमारा मस्तिष्क कभी नहीं सोता। वह अपने तरीके से कार्य करता है और अपने तरीके से सपने भी दिखाता है। मस्तिष्क ही आपको गहरी नींद देता है और नींद को प्रभावित भी करता है।
दरअसल, नींद में गिरने का अहसास होना एक की नहीं बहुत से लोगों की परेशानी है, इस समय ऐसा लगता है जैसे आप सीधे खाई में गिरने जा रहे हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो इस घटना को भूत-प्रेत का साया समझते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है यह पूरी तरह से वैज्ञानिक घटनाक्रम है जिसका सामना करीब 70 प्रतिशत लोगों को करना पड़ता है।
आपको बता दें कि स्लीप पैरालिसिस उन लोगों को होता है जो बहुत स्ट्रेस लेते हैं और ज़्यादातर समय तनाव में ही रहते हैं। अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो आपको इसे पैरानॉर्मल एक्टिविटी समझने की भूल नहीं करनी चाहिए और किसी अच्छे डॉक्टर से इसका इलाज करवाना चाहिए।
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