वास्तु के लिहाज से सिंदूर का महत्व बहुत ही खास है। सिंदूर हर सुहागन स्त्री के श्रंगार का अहम हिस्सा होता है। सुहागन स्त्री सिंदूर से अपनी मांग भरती है। शास्त्रों में कहा गया है कि स्त्री के सिंदूर लगाने से उसके पति की आयु लंबी होती है और रोगों से उसकी रक्षा होती है। रामायण की एक कहानी के अनुसार भगवान राम को अमर करने के लिए हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया था।
- हर रोज जल में थोड़ा सा सिंदूर मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। साथ ही सिंदूर से अपने घर के दरवाजे पर स्वास्तिक के निशान बना दें। ऐसा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। अगर आपके घर में पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता है, तो इस उपाय को एक बार अवश्य आजमाना चाहिए। माना जाता है कि तेल में सिंदूर मिलाकर घर के मुख्य दरवाजे में लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता। लगातार 40 दिन तक ऐसा करने से घर में मौजूद वास्तुदोष दूर हो जाता है।
- मरीज के ऊपर से सिंदूर उतारकर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से बीमारी तेजी से ठीक होती है। भगवान श्रीगणेश की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाकर घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। सुहागिन महिलाओं को सुबह बाल धोने के बाद गौरी मां को सिंदूर चढ़ाना चाहिए और इसी में से कुछ सिंदूर अपनी मांग में भी लगाना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
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