इस सर्वे में 67 फीसद से भी अधिक छात्राओं ने माना है कि उन्होंने खाने, रहने आदि जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए यौन संबंध बनाए। वहीं, 53 फीसद छात्राओं का कहना है कि वे कमरे का किराया देने के लिए इस गंदे काम को कर रहीं हैं। सर्वे में 20 से लेकर 25 वर्ष की छात्राओं को शामिल किया गया है। ये सभी छात्राएं ग्रेजुएशन या पोस्ट- ग्रेजुएशन कर रही हैं और ज्यादातर हॉस्टल में रहती हैं। इन छात्राओं से यौन जीवन व यौन संबंध से जुड़े तमाम मुद्दों पर राय ली गई है।
लगभग 35 फीसद छात्राओं ने माना है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की फीस भरने के लिए वेश्यावृत्ति का सहारा लिया और पैसे कमाए। बता दें कि ब्रिटेन के कानून के मुताबिक वेश्यावृत्ति गैरकानूनी नहीं है। कोई भी युवती व युवक सहमति से यौन संबंध बना सकते हैं।

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