गर्भधारण में हो रही हैं समस्या तो दंपतियों के काम आयेगी ये 5 कारगर सलाह


किसी भी दंपती के लिए बच्चे के आगमन की योजना बनाना महत्वपूर्ण कदम है। चूंकि भारत में आज हर छह में से एक दंपती प्रजनन संबंधी समस्या का सामना कर रहा है, ऐसे में कई दंपतियों के लिए बच्चे को दुनिया में लाने की यह प्रक्रिया कठिनाई भरी और तनावपूर्ण हो जाती है। हालांकि प्रजनन क्षमता से जुड़ी कुछ समस्याओं के मामले में निवारण संभव नहीं है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण कदम ऐसे हैं, जिन्हें उठाकर नई जिंदगी की शुरुआत की जा सकती है। अगर आपके करीबी लोगों में से कोई गर्भधारण के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही तो हम आपको पांच महत्वपूर्ण सुझावों के बारे में बताने जा रहे हैं जो गर्भधारण को आसान बनाएंगे।


1. कई दंपती इस बात पर ध्यान नहीं देते, जबकि भोजन और प्रजनन दोनों एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। इसके लिए संतुलित और पोषक आहार का सेवन करें, जिसमें विटामिन और आयरन से भरपूर सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली तथा साबुत अनाज, जैसे साबुत गेहूं, ब्राउन राइस तथा बाजरा और पनीर , अंडा, मछली, सोयाबीन जैसे प्रोटीन वाले पदार्थ शामिल हों, प्रोसेस्ड फूड, मैदा और शक्कर से दूरी बनाकर रखें।


2. इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपना अधिकांश समय जिम में बिताए। लेकिन अपनी दिनचर्या में एक सामान्य एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी को शामिल करें। इससे हार्मोन संतुलन और रक्त संचार को बनाए रखने एवं गर्भधारण के अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलती है। आपके लिए ब्रिस्क वॉक, लाइट जॉगिंग, साइकिलिंग और स्वीमिंग जैसी एक्टिविटीज बेहतर साबित होगी।


3. महिलाओं के प्रत्येक प्राकृतिक चक्र के दौरान केवल कुछ ही दिन ऐसे होते हैं, जब गर्भधारण की संभावना होती है। प्रत्येक दंपती के लिए यह आवश्यक है कि वे स्वयं को अपने गर्भधारण के सबसे अधिक संभावना वाले दिनों को लेकर सजग करें, क्योंकि प्रत्येक महिला का चक्र अलग होता है जो कि उनमें हार्मोन्स के स्तर के हिसाब से नियंत्रित होता है इसलिए फर्टिलिटी मॉनिटर का प्रयोग करने से बहुत बड़ी मदद मिल सकती है।


4. स्ट्रेस और एंग्जायटी दोनों ही फर्टिलिटी हार्मोन्स की रिलीज को घटाते हैं और ओवेल्यूशन की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं। तो तनाव महसूस होने पर मेडिटेशन य? योग ?? के द्वारा खुद को नियंत्रित करने का प्रयास अवश्य करें। अपनी भावनाओं को अपने जीवनसाथी, दोस्तों या परिवार संग साझा करें, इससे मन हल्का होता है।


5. कैफीन के सेवन को घटाना और अल्कोहल से दूरी बनाना भी गर्भधारण के अवसरों को बढ़ा सकता है। हालांकि थोड़ी मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन सुरक्षित है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा लेने से बचना चाहिए। दूसरी तरफ अल्कोहल हर तरह से बुरा असर डाल सकता है और इसकी वजह से अनियमित मासिक तथा ओवेल्यूशन में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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