मोहम्मद नूरुद्दीन ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया, 'मैंने पहली बार 1987 में 10वीं की परीक्षा दी थी। अंग्रेजी कमजोर होने के चलते हर बार परीक्षा में फेल हो रहा था। मुझे कोई ट्यूशन पढ़ाने वाला भी नहीं था। इस बार मैं पास हो गया हूं क्योंकि इस कोविड-19 की वजह से सरकार ने छूट दे दी है।'
नूरुद्दीन ने कहा, 'सिक्योरिटी गार्ड की जॉब के लिए मुझे 10वीं पास होना जरूरी था। इसलिए मैं लगातार परीक्षा देता गया। मेरे भाइयों और बहनों ने मुझे काफी सपोर्ट किया। आगे चलकर हालांकि मुझे बिना 10वीं पास हुए ही सिक्योरिटी गार्ड की जॉब मिल गई लेकिन मैंने परीक्षा देना जारी रखा। मुझे 7000 रुपये सैलरी मिलती है औऱ मेरे चार बच्चे हैं।'
उन्होंने कहा, 'मैं 10वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखूंगा। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन भी करना चाहूंगा। पढ़े-लिखे व्यक्ति की हर जगह इज्जत होती है।'
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