बकरीद पर जानवरों की बलि से एक और वायरस के फैलने का खतरा है। इस वायरस से क्रीमियन-कॉन्गो रक्तस्रावी बुखार होता है। अफसोस कि अभी तक इसका भी कोई वैक्सिन नहीं बना है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) ने बकरीद पर जानवरों की बलि प्रथा को लेकर लोगों को आगाह किया है। NIH के अनुसार बलि के दौरान इंसान और जानवर में संपर्क बढ़ जाता है। जिसके कारण क्रीमियन-कॉन्गो रक्तस्रावी बुखार के प्रसार का जोखिम रहता है।
NIH ने यह भी बताया कि महामारी काल में बकरीद एक नई मुसीबत तो ला ही सकता है। साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने और संक्रामक सामग्रियों तथा जानवरों के साथ सीधे संपर्क में आने से COVID-19 ट्रांसमिशन के और अधिक फैलने का जोखिम भी रहेगा।
नए वायरस के संक्रमण और COVID-19 ट्रांसमिशन के और फैलने वाले खतरे को देखते हुए NIH ने रोकथाम और नियंत्रण के लिए समय पर कदम उठाने की सलाह वहाँ की सरकार को दी है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने बकरीद पर बलि के दौरान पूरी बाजू के कपड़े, हल्के रंग के कपड़े, दस्ताने, फेस मास्क और हैंड सेनिटाइज़र का प्रयोग करने की सलाह जारी की है। इसके अलावा जानवरों या उनके रक्त के संपर्क में आने के बाद साबुन से हाथ धोने को आवश्यक बताया है।
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