मोदी सरकार का एक और धमाक जी, हां मोदी कैबिनेट ने गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आर्थिक आधार पर दिया जाएगा। यह 10% आरक्षण मौजूदा 49.5% कोटे के अलावा होगा। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा।
फायदा उन सवर्णों को मिलेगा, जिसकी सलाना इनकम 8 लाख रुपए या इससे कम है, जिसके पास 5 एकड़ या उससे कम खेती जमीन है, 1000 वर्ग फुट से कम जमीन पर मकान है। इसके अलावा कस्बों में 200 गज जमीन वालों को, शहरों में 100 गज जमीन वालों को इसका लाभ मिलेगा।
इस श्रेणी में ब्राह्मण, ठाकुर, कायस्थ, राजपूत, भूमिहार, बनिया, जाट, गुर्जर को आरक्षण मिलेगा। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन होगा। यह 10% आरक्षण मौजूदा 49.5% कोटे के अलावा होगा। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा, जो मंगलवार को पेश किया जा सकता है।
चुनाव नजदीक है तो इस बात की पूरी संभावना है कि नोटा या अन्य दलों की तरफ़ भागने वाला औसत बुद्धि सवर्ण वोटबैंक इससे पुनः बीजेपी की तरफ लौटेगा। इसके पीछे दो मुख्य कारण नज़र आ रहे हैं।
1. बीजेपी का सवर्ण वोट बैंक अब खिसकने लगा है और उसे भय है कि 2019 तक यह पूर्णतः उसके पक्ष में नहीं रहने वाला।
2. एससी /एसटी ऐक्ट के बाद सवर्णों के बीच हुए डैमेज कंट्रोल को कम करने के लिए।
मोदी सरकार का एक और धमाक ! गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण
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