क्या आप जानते हैं आपके टूथपेस्ट की वजह से आपको डायबिटीज भी हो सकती है? जी हां, हाल ही में एक रिसर्च आई है जिसके मुताबिक, एक कॉमन कैमिकल है जो कि फूड, मेडिसिन, टूथपेस्ट सभी में मौजूद होता है। इस कैमिकल की वजह से टाइप टू डायबिटीज हो सकती है।
इस कैमिकल का नाम टाइटेनियम डायऑक्साहइड है जो कि फूड के साथ ही कॉस्मेटिक्स में भी बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होता है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस कैमिकल को खतरनाक बताया है। टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकताओं ने पाया कि इस कैमिकल में व्हाइट कलरिंग एलीमेंट होता है जो कि टूथपेस्ट में मिलकर दांतों को चमकाने का काम करता है। लेकिन ये एलीमेंट टाइप टू डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों को टाइप टू डायबिटीज है उनमें देखा गया कि इस कैमिकल के कण उनके पेक्रिंयाज में हैं। जो ना सिर्फ इम्यून को रिस्पॉन्स करने वाले व्हाइट ब्लड सेल्स को डैमेज कर देते हैं बल्कि हेल्दी सेल्स को मारकर शरीर के अंगों में सूजन भी बढ़ा देते हैं।
इस रिसर्च को करने के लिए 11 उन लोगों को शामिल किया गया जिनमें टाइटेनियम डायऑक्साइड के कण पाए गए थे। साथ ही ये भी देखा गया की इन लोगों के बीएमआई इंडेक्स के हिसाब से डायबिटीज होने का कितना खतरा है। शोधकर्ताओं ने रिसर्च के नतीजे में पाया गया कि जिन लोगों को डायबिटीज थी उसका एक हद तक जिम्मेदार ये कैमिकल था।
इस कैमिकल का नाम टाइटेनियम डायऑक्साहइड है जो कि फूड के साथ ही कॉस्मेटिक्स में भी बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होता है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस कैमिकल को खतरनाक बताया है। टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकताओं ने पाया कि इस कैमिकल में व्हाइट कलरिंग एलीमेंट होता है जो कि टूथपेस्ट में मिलकर दांतों को चमकाने का काम करता है। लेकिन ये एलीमेंट टाइप टू डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों को टाइप टू डायबिटीज है उनमें देखा गया कि इस कैमिकल के कण उनके पेक्रिंयाज में हैं। जो ना सिर्फ इम्यून को रिस्पॉन्स करने वाले व्हाइट ब्लड सेल्स को डैमेज कर देते हैं बल्कि हेल्दी सेल्स को मारकर शरीर के अंगों में सूजन भी बढ़ा देते हैं।
इस रिसर्च को करने के लिए 11 उन लोगों को शामिल किया गया जिनमें टाइटेनियम डायऑक्साइड के कण पाए गए थे। साथ ही ये भी देखा गया की इन लोगों के बीएमआई इंडेक्स के हिसाब से डायबिटीज होने का कितना खतरा है। शोधकर्ताओं ने रिसर्च के नतीजे में पाया गया कि जिन लोगों को डायबिटीज थी उसका एक हद तक जिम्मेदार ये कैमिकल था।
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