बार-बार आने वाली जम्हाई को रोकने के 3 सबसे प्रभावशाली उपाय


जिस प्रकार मनुष्य नाक के द्वारा सांस लेता है उसी तरह मुंह के द्वारा जम्भाई लेकर हवा शरीर के अंदर खींचता है। इस तरह जम्भाई लेने से शरीर में अतिरिक्त आक्सीजन की पूर्ति होती है। इस तरह बार-बार मुंह खोलकर हवा खींचना और छोड़ना ही जम्भाई कहलाता है। जभ्भाई कभी-कभार हो जाये तो कोई बात नहीं लेकिन जम्भाई ज्यादा आने से यह असहनीय हो जाता है। जम्भाई के बार-बार आने से रोगी परेशान हो जाता है और इस रोग को खत्म करने के लिये उपचार कराना आवश्यक हो जाता है।

हींग :- लोहे के बर्तन में घी के साथ हींग को भून लें। इस हींग के साथ हरीतकी, सोंठ, सेंधानमक और कालीमिर्च को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोजाना 1 से 3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करने से जम्भाई के रोग में लाभ होता है।

सरसों :- जम्भाई को रोकने के लिये सरसों के तेल में सेंधानमक और हींग को अच्छी तरह से मिलाकर पूरे शरीर पर मालिश करने से इस रोग में लाभ मिलता है।

धनिया :- धनिये का चूर्ण गरम पानी के साथ लेना चाहिए। यदि यह रोग बन गया हो तो धनिये के 20 दानों को 1 लीटर पानी में उबालकर इस पानी से मुंह धोने से जम्भाइयां आनी खुद ही बंद हो जाती हैं।

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