नाभि पर कोई भी तेल खासकर सरसों का तेल लगाने से लाभ होता है। रोग की तेजी होने पर रूई का फोया तेल में भरकर नाभि पर रख सकते हैं और इसे पट्टी से बांध सकते हैं।
इनके अलावा दमा,खांसी, सिर-दर्द, वातरोग, पागलपन, मिर्गी, कमर का दर्द आदि में भी नाभि पर तेल लगाने से लाभ होता है। यह 1 सप्ताह तक लगा सकते हैं। नाभि पर तेल लगाने के बाद शीतल (ठंडा) पेय नहीं पीना चाहिए और आराम करना चाहिए।
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