इस रिसर्च को 'करंट बॉयोलॉजी' मैगजीन में पब्लिश किया गया है. मैगजीन में कहा गया है कि मच्छर तेजी से सीख सकते हैं और गंध को याद रखते हैं। इस प्रक्रिया में डोपामाइन एक मुख्य मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। मच्छर इस जानकारी का इस्तेमाल करते हैं और इसे दूसरे उद्दीपकों के साथ विशेष कशेरूकी पोषक जातियों व निश्चित आबादी में इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि, शोध से यह भी साबित होता है कि अगर एक व्यक्ति की गंध अच्छी है तो मच्छर अप्रिय गंध के बजाय प्रिय गंध को पसंद करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, 'व्यक्ति जो मच्छरों को ज्यादा मारते हैं या रक्षात्मक रवैया अपनाते हैं, चाहे उनका खून कितना भी मीठा हो मच्छर उनसे दूर रहते हैं।'
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