ताजमहल के साथ- साथ उसने लाल किले को दो बार और तो और राष्ट्रपति भवन को भी बेच दिया था। आप को बता दें कि नटवरलाल के नाम से मशहूर इस शख्स ने ताजमहल को बेचकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करवा लिया।
नटवरलाल का असली नाम मिथलेश कुमार श्रीवास्तव था। उसे ठगी के मास्टर के तौर पर जाना जाता है। ठगी के 100 से अधिक मामले उसपर दर्ज थे। जब वो पुलिस के हत्थे चढ़ा तो कोर्ट ने उसे अलग-अलग मामलों में 100 साल से अधिक की सजा हुई थी। पुलिस को चकमा देने में इसे महारथ हासिल थी।
1996 में उसे आखिरी बार नई दिल्ली स्टेशन पर देखा गया था, लेकिन उस बार भी वो पुलिस के आंखों में धूंल झोंकने में कामियाब रहा। नटवरलाल भेष बदलकर लोगों से ठगी करता था। उसे भारत के सबसे बड़े ठग का ताज हासिल है।
إرسال تعليق