डॉक्टर ने अपने 120 मरीजों को 60-60 के समूह में बांटने के बाद वाट्सऐप ग्रुप बनाया और एक साल तक उनसे बातचीत जारी रखी। एक साल बाद जब लोगों का वजन जांचा, तो पता चला कि पारंपरिक तरीके से क्लिनिक जाकर सलाह लेने की अपेक्षा ऑनलाइन सलाह प्रभावी रही। पारंपरिक मरीजों की अपेक्षा एक साल में ऑनलाइन सलाह लेने वालों का वजन 5-6 किलो तक अधिक कम हुआ। डॉक्टर का दावा है कि मोटापा कम करने के लिए ऑनलाइन सपोर्ट के लिए शुरू किया गया 'डिजिटल सपोर्ट ग्रुप' अपने आप में अब तक का पहला प्रयोग है।
बैरिएट्रिक सर्जन ने बताया कि हमने अपने 60 मरीजों (जिनकी सर्जरी हो चुकी है) का एक वाट्सऐप ग्रुप बनाया। इसमें रोजाना उन्हें खानपान से लेकर मोटापा कम करने के दूसरे उपायों के बारे में जानकारी दी। इस ग्रुप में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने कम समय में वजन कम किया है। लोग भी अपना अनुभव साझा करते हैं, जिससे दूसरे भी प्रेरित होते हैं। हमने 60 लोगों की स्टडी रिपोर्ट वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ इंटरनैशनल फेडरेशन फॉर द सर्जरी ऑफ ऑबिसिटी ऐंड मेटाबॉलिक डिस-ऑर्डर को भेजी है। फेडरेशन ने रिपोर्ट स्वीकार भी कर ली है, जिसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।
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