1. दमा, जुकाम, खांसी जैसे विकारों में गोमूत्र का सीधा प्रयोग करने से कफ विकार शमन होता है।
2. पेट के किसी भी तरह के रोग में गोमूत्र पीने से लाभ होता है।
3. कब्ज़ रोगी को गोमूत्र को 3-4 बार छानकर खूब पीना चाहिए।
4. बच्चों को खोखली होने पर गोमूत्र को छानकर उसमें हल्दी मिलाकर बच्चों को पिलाना चाहिए।
5. आंखों में जलन, शरीर में सुस्ती में गोमूत्र में चीनी मिलाकर पीना चाहिये।
6. दूध पीने के साथ साथ गोमूत्र का सेवन करने से शरीर में सूजन कम होती है।
7. प्रसूति के समय होने वाला सुवा रोग में स्त्री को गोमूत्र पिलाने से अच्छा लाभ होता है।
8. दाद पर गोमूत्र में धतूरे के पत्तों को पीसकर उबालें और गाढ़ा होने पर लगाने से दाद को दूर किया जा सकता है।
9.गोमूत्र को बालों पर लगाकर उसे थोडी देर तका सूखने दें उसके बाद बालों को धोऐं एैसा करने से आपके बाल सुन्दर लगेगें।
10. शरीर में ज्यादा खूजली होने पर गाय के मूत्र की मालिश करें।
एक टिप्पणी भेजें