सच में अमृत से कम नहीं है गोमूत्र, इन बीमारियाें का होता है इलाज


आयुर्वेद में प्राचीन काल से गोमूत्र और पंचगव्य का विभिन्न रोगो को ठीक करने में उपयोग होता रहा है। गोमूत्र को आयुर्वेद में त्रिदोष शामक माना गया है। गोमूत्र में कार्बोलिक एसिड, यूरिया, फॉस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम और सोडियम होता है। अब वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध किया जा चुका है की गाय का मूत्र कीटाणुनाशक है जो शरीर में विभिन्न बीमारियों को दूर करने में सहायक है। गाय के मूत्र का उपयोग विभिन्न रोगों में कैसे किया जा सकता है आपको बताते हैं..

1. दमा, जुकाम, खांसी जैसे विकारों में गोमूत्र का सीधा प्रयोग करने से कफ विकार शमन होता है।

2. पेट के किसी भी तरह के रोग में गोमूत्र पीने से लाभ होता है।

3. कब्ज़ रोगी को गोमूत्र को 3-4 बार छानकर खूब पीना चाहिए।

4. बच्चों को खोखली होने पर गोमूत्र को छानकर उसमें हल्दी मिलाकर बच्चों को पिलाना चाहिए।

5. आंखों में जलन, शरीर में सुस्ती में गोमूत्र में चीनी मिलाकर पीना चाहिये।

6. दूध पीने के साथ साथ गोमूत्र का सेवन करने से शरीर में सूजन कम होती है।

7. प्रसूति के समय होने वाला सुवा रोग में स्त्री को गोमूत्र पिलाने से अच्छा लाभ होता है।

8. दाद पर गोमूत्र में धतूरे के पत्तों को पीसकर उबालें और गाढ़ा होने पर लगाने से दाद को दूर किया जा सकता है।

9.गोमूत्र को बालों पर लगाकर उसे थोडी देर तका सूखने दें उसके बाद बालों को धोऐं एैसा करने से आपके बाल सुन्दर लगेगें।

10. शरीर में ज्यादा खूजली होने पर गाय के मूत्र की मालिश करें।

Post a Comment

और नया पुराने