गावस्कर ने 1974 में अपना एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण इंग्लैण्ड के विरुद्ध हेडिंग्ले स्टेडियम में किया था। टेस्ट के विपरीत उनका एकदिवसीय जीवन कम शानदार रनों वाला रहा जिसमें उन्होंने 35.23 के औसत के साथ 3012 रन बनाये।
गावस्कर का एकमात्र एकदिवसीय शतक 1987 के विश्वकप में न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध है; यह उनका एकदिवसीय से सन्यास के अन्तिम से पहला मैच था।
इस मैच में उन्होंने 88 गेंदों पर 103 रन बनाये थे। उनके इस प्रदर्शन ने मैच में भारत की जीत सुनिश्चित की, जिससे उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
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