1. घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार :- अगर महिला को उसी के घर में मारा और पीटा जा रहा है या फिर अन्य अत्याचार हो रहे हैं तो वह सीधे न्यायालय से गुहार लगा सकती है। इकसे लिये उसे वकील की कोई भी जरुरत नहीं होगी।
2. गर्भपात कराने का अधिकार :- वैसे तो गर्भपात कराना क़ानूनी अपराध है पर अगर गर्भ की वजह से महिला को जान का खतरा है तो, वह गर्भपात करा सकती है।
3. पुलिस से जुड़े अधिकार :- महिला अपराधी को सूर्यास्त से पहले या फिर सूर्यास्त के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा एक महिला की तलाशी केवल एक महिला पुलिसकर्मी ही ले सकती है।
4. सेक्जुअल हैरेसमेंट से बचाव के अधिकार :- छेड़छाड़ या फिर रेप जैसे घिनौने अपराध के लिये बहुत सख्त कानून हैं। रेप के केस में 7 साल या फिर उम्रकैद की सजा भी हो सकती है। अगर कोई पुरुष महिला पर सेक्जुअल कमेंट भी करता है तो फिर उसे 1 साल की सजा हो सकती है।
5. मेटर्निटी लीव :- गर्भवती महिला को 26 हफ्ते की मेटर्निटी लीव बिना सैलरी कटे हुए मिलेगी। और छुट्टी के दौरान महिला को नौकरी से भी नहीं निकाला जा सकता है और अगर उसका टीम लीड उसे इस अधिकार से वंचित करता है तो, फिर वह उसकी शिकायत महिला कोई में भी कर सकती है।
6. पहचान छुपाने का अधिकार :- अगर किसी महिला पर कोई भी आरोप लगा है या फिर रेप हुआ है तो उसे अपनी पहचान छुपाने का पूरा अधिकार है। चाहे वह पुलिस हो या फिर मीडिया, अगर वह महिला की पहचान को सार्वजनिक करता है तो वह कानूनी अपराध होगा।
- ऐसी महिलाओं से हमेशा दूरी बनाकर रहना ही होता है अच्छा
- ऐसी महिलाओ को देख पुरुषों का मस्तिष्क हो जाता है नशीला!!

एक टिप्पणी भेजें