धार्मिक मान्यता: गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करने से दूर होती हैं विवाह संंबंधी समस्या


 हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के पर्व को विशेष माना जाता हैं श्री गणेश जी का जन्मोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता हैं धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक श्री गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इस ​लिए इनके जन्म दिवस पर गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता हैं

गणेशोत्सव, चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक चलता हैं इस चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी भी कहते हैं 11 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में श्री गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती हैं और रोजाना उनकी विधि विधान से पूजा की जाती हैं। 


इस साल गणेश जन्मोत्सव का पर्व 10 सितंबर से मनाया जाएगा। इनकी पूजा के दौरान कई प्रकार के मंत्रों का जाप किया जाता हैं जिससे भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं श्री गणेश अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं और उनके जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करते हैं इसलिए श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता हैं।

अगर सिकी के विवाह में बाधा आ रही हैं तो उसे गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान गणेश जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए धार्मिक मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से विवाह संंबंधी समस्या समाप्त हो जाती हैं और अविवाहित लडत्रकियों को मनचाहा वर प्राप्त होता हैं। 


गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश भगवान के प्रभावशाली मंत्रों का जाप करने से भक्तों का वैवाहिक जीवन मंगलमय और सुखमय बनता हैं विवाह कार्यों में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जाप करना चाहिए इस मंत्र का जाप करने से योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति भी होती हैं। 

मंत्र जाप— 'ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'

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