1. रोजाना प्रातः नहाने के पश्चात् शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। इसके पश्चात् ही कुछ ग्रहण करें। सावन भर इस नियम का पालन करने से शिव जी एवं मां पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है। ये काम महिलाओं के अतिरिक्त पुरुष भी कर सकते हैं।
2. चूड़ियों को श्रंगार का महत्वपूर्ण भाग माना जाता है। सावन का महीना हरियाली से भरा होता है, ऐसे में इस माह में महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां पहननी चाहिए। इससे मां गौरी बहुत खुश होती हैं।
3. सावन के दिनों में महिलाओं को सुहाग का सामान माता पर चढ़ाना चाहिए तथा दान भी करना चाहिए। इससे मां पार्वती खुश होती हैं तथा अखंड सौभाग्य प्रदान करने के साथ पति की दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं।
4. सावन के माह में मेहंदी लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है। मेहंदी सुहाग की निशानी होती है। इसलिए इस महीने में एक बार मेहंदी अवश्य लगवाएं। हरियाली तीज पर मेहंदी की खास अहमियत है।
5. शिव जी को भोलेनाथ भी बोला जाता है, क्योंकि वे बेहद जल्द खुश होते हैं। वहीं सावन के महीने में उन्हें खुश करना और भी सरल होता है। शिव जी की खुश देखकर माता गौरी भी बहुत आनंदित होती हैं। इसलिए सावन के माह में महिलाओं को शिव जी के भजन गाने चाहिए। इससे उन्हें महादेव एवं गौरी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
6. सावन के माह में किसी भी प्रकार झगड़े से बचना चाहिए। ये माह आनंद का महीना होता है। इसमें शिव जी एवं माता का ध्यान करना चाहिए। अगर गुस्सा आए तो ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे क्रोध शांत हो जाएगा।
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