– चाणक्य नीति के अनुसार जब कोई आपका अपमान करे तो उसे उसकी भाषा में जवाब न दें क्योंकि उसका काम है आपको उकसाना। इसलिए बेहतर होगा कि आप ऐसी जगह पर मौन रहें और उसकी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुराएं और उससे कुछ ना कहें। क्योंकि ऐसा करने से उसे और भी ज्यादा गुस्सा आएगा और वह खुद को ही अपमानित महसूस करने लगेगा।
– बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें दूसरों को नीचा दिखाना काफी अच्छा लगता है। आचार्य चाणक्य अनुसार ये लोग जीवन में असफल होते हैं। क्योंकि एक समझदार इंसान कभी किसी का अपमान नहीं करेगा। बहुत से लोग होते हैं जिनके अनुसार सब कुछ सहन करना ही सबसे अच्छा तरीका होता है लेकिन चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अपमान करे तो उसे एक बार सहन करना समझदारी होता है। दूसरी बार हुए अपमान को सहन करना उस व्यक्ति के महान होने का परिचय देता है लेकिन तीसरी बार अपमान को सहन करना उस इंसान की सबसे बड़ी मूर्खता होती है। इसलिए हमेशा अपमान सहना सही नहीं है।
– चाणक्य के अनुसार बदबू सिर्फ सड़े हुए फूलों से आती है क्योंकि खिले हुए फूल तो हमेशा खुशबू फैलाते हैं। इसी तरह जो व्यक्ति दूसरों का अपमान करता है ऐसे व्यक्ति की सोच बहुत ही छोटी होती है। जिस कारण ये लोग जीवन में कभी सफल नहीं हो सकते हैं। जिन लोगों को दूसरों का अपमान करना अच्छा लगता है ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखने में ही भलाई है।
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