मनुष्य की मृत्यु के बाद रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है जिसका उद्देश्य मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति देना होता है और इसी वजह से गरुण पुराण का पाठ करवाया जाता है। दरअसल गरुण पुराण को दो भागों में बांटा गया है जिसमें से एक में श्रीहरी के स्वरूपों का वर्णन है और दूसरे में जीवन-मरण को बताया गया है। आपको बता दें कि गरुण पुराण के दूसरे भाग में मृत्य के बाद व्यक्ति की आत्मा का क्या होता है इस बारे में बताया जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि गरुण पुराण पढ़ने से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति मिल जाती है। गरुण पुराण में व्यक्ति के जीवन मरण से छुपे रहस्यों का जिक्र है जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब तक मरने वाले व्यक्ति से जुड़े हुए सारे रीति-रिवाज़ पूरे नहीं हो जाते हैं तब तक मृत व्यक्ति की आत्मा उसके घर में ही रहती है।
गरुण पुराण में ऐसे बातें लिखी हुई हैं जिनसे मृत व्यक्ति के परिवार को आगे बढ़ने का हौसला मिलता है साथ ही में इस बात का भी सुकून रहता है कि मरने वाले की आत्मा सही जगह पर पहुंच गयी है। इन्हीं सब वजहों से किसी व्यक्ति के मरने के बाद गरुण पुराण पढ़ा जाता है।
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