ये दुनिया बहुत अजीब है। देश में अजीबो-गरीब मंदिरों के कई किस्से तो हमने पढ़े ही हैं, लेकिन राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जहां देवी-देवताओं की नहीं, बल्कि बुलेट बाइक की पूजा होती है। यहां के लोग मानते हैं कि ओम बन्ना और उनकी बाइक सड़क दुर्घटनाओं से उनकी रक्षा करते हैं। आपको लग रहा होगा यह सत्य नहीं है परन्तु यह एक दम सच है. यह मंदिर जोधपुर से 50 किमी दूर हाईवे एन-एच 65 पर स्थित है l
बुलेट मोटरसाइकिल की होती है पूजा:
यह स्थान श्री ओम बन्ना मंदिर के नाम से जाना जाता है, जहां आपको भगवान की किसी प्रतिमा के स्थान पर एक बुलेट मोटर साइकिल देखने को मिलेगी। इसी मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है।बताया जाता है कि ठाकुर ओम सिंह राठौड़ का जन्म पाली के चोटिला गांव में 5 मार्च 1965 में ठाकुर जोग सिंह राठौड़ के घर पर हुआ था।
क्या है इसकी कहानी:
लगभग रोज रात को ही उन्हें पाली से गांव आना पड़ता था और वो भी अपनी पसंदीदा बुलेट बाइक पर, जो उनकी दोस्त भी थी और हमसफर भी। उनके पिता ठाकुर जोग सिंह राठौड़ हमेशा नसीहत देकर अपने जवान बेटे को भेजते थे और पत्नी शुभकामनाएं। क्योंकि यह खूनी मोड़ उनके रास्ते का हिस्सा था, जहां बहुत ज्यादा दुर्घटनाएं होती थीं।
बाइक चलाने का बड़ा शौक:
ओम बन्ना को बाइक चलाने का बड़ा शौक था। बड़े चाव से उन्होंने रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल खरीद ली। यह मोटरसाइकिल ओम बन्ना को बहुत पसंद थी। ऐसा लगता था कि जैसे उनकी जिंदगी उसमें ही बसती है। वे हर समय अपनी बाइक पर ही नजर आने लगे।
हादसे में ओम बन्ना की मौत:
अपनी तेज रफ्तार के साथ वे बाइक का मजा ले ही रहे थे कि तभी अंधा मोड़ आ गया। उन्होंने कोशिश की अपनी बाइक संभालने की मगर वह कुछ न कर सके और उनका एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में उनकी मौत हो गई। एक्सीडेंट का केस बनाकर पुलिस ने ओम बन्ना की लाश उनके घर पहुंचाई।
चमत्कार:
इसे चमत्कार समझ कर दुर्घटनास्थल पर ओम बन्ना का एक स्मारक बनाने का फैसला किया। बस तभी से दुर्घटनास्थल के पास ओम बन्ना के नाम से एक स्मारक बना दिया और उनकी बाइक को वहां पर रख दिया गया।
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