आखों के पास झुर्रियों को ड्यूकेन मार्कर कहते हैं और तमाम तरह की भावनाओं को व्यक्त करने पर यह उभर कर सामने आते हैं मसलन मुस्कुराने, दर्द और दुख के दौरान। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को कुछ फोटोग्राफ विजुअल रायवलरी तरीके से दिखाए। इनमें से कुछ में ड्यूकेन मार्कर थे और कुछ में नहीं।
शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि हमारा मस्तिष्क किस भाव को ज्यादा अहम समझता है। शोधकर्ता जूलिओ मार्टिनेज ट्रुजिलो ने बताया कि ड्यूकेन मार्कर वाली अभिव्यक्ति ज्यादा प्रभावशाली पाई गई। इस लिए भाव जितने प्रबल होंगे आपका मस्तिष्क लंबे समय तक उसे याद रखता है और ड्यूकेन मार्कर वाले चेहरे को मस्तिष्क ज्यादा ईमानदार मानता है।
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