गुर्दे की पथरी को जड़ से खत्म करता है ये आयुर्वेदिक नुस्खा, जानिए !


आजकल लोग बदलती दिनचर्या के कारण बहुत सारी बीमारियों का शिकार हो रहे है। जिनमे से पथरी का रोग सबसे आम है। शुरुआत में तो पता नहीं लगने पर यह इतना पीड़ादायक नहीं होता है लेकिन जब इसका दर्द होता है तो यह बहुत ही असहनीय होता है। व्यक्ति के भीतरी अंगों में मिनरल्स और नमक आदि के धीरे-धीरे इकट्ठा होने से एक ठोस जमावट हो जाती है। इसी ठोस जमावट को पथरी कहते हैं। पथरी के रोगियों में सबसे ज्यादा लोग गुर्दे यानि किडनी की पथरी से परेशान होते हैं। लेकिन किडनी की पथरी को कुछ प्राकृतिक उपचारों से आसानी से ठीक किया जा सकता है। नींबू के रस की थैरेपी भी पथरी को ठीक करने के लिए बहुत लाभकारी है।

क्यों फायदेमंद है नींबू .... 

नींबू के रस में साइट्रिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो धीरे-धीरे ऑक्जालेट और सोडियम आदि तत्वों के इस जमाव को घुलाता रहता है। घुलने के बाद पथरी के छोटे-छोटे कण मूत्र मार्ग से ही निकलते रहते हैं।

पथरी नाशक पेय बनाने की विधि .... 

इस पेय को बनाना बहुत आसान है। इसे बनाने के लिए एक ग्लास गुनगुने पानी में एक पूरा नींबू का रस निचोड़ लें। अब इस पानी में एक चम्मच चीनी और आधा चम्मच जैतून का शुद्ध तेल मिलाएं। अब इसे अच्छी तरह मिला ले। अब बनकर यह तैयार है।

इस्तेमाल करने की विधि .... 

रोज़ाना दिन में दो बार जैतून का तेल मिलाकर पी लें और बाकी दिन में जब भी प्यास लगे तो बिना इस तेल के सादा नींबू पानी और चीनी पी लें। इससे आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा, शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और पथरी धीरे-धीरे गल कर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाएगी।

पथरी अगर छोटी है तो इस पेय के लगातार प्रयोग से धीरे-धीरे किडनी से निकल जाती है और आप पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं लेकिन अगर पथरी बड़ी है तो इन उपचारों का असर उनपर धीरे-धीरे होता है और समय बढ़ने के साथ-साथ खतरा भी बढ़ता जाता है। इसलिए अगर पथरी का आकार बड़ा हो तो घरेलू नुस्खों के साथ-साथ आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

ध्यान में रखे ये बाते ...

किडनी की पथरी में जितनी जरूरत इसके तत्काल इलाज की होती है उतनी ही जरूरत कुछ चीजों से परहेज की होती है ताकि पथरी बढ़े नहीं और धीरे-धीरे घुल जाए। इसके लिए आपको बीज वाले खाद्य पदार्थों जैसे टमाटर, मिर्च आदि न खाएं या बहुत कम खाएं। इसके अलावा सोडियम की वजह से भी पथरी बढ़ती है इसलिए नमक का प्रयोग ज्यादा न करें और हाई सोडियम वाले खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, मूंगफली आदि न खाएं। मीट, मछली, पालक, चुकंदर, और पत्तों वाली सब्जियों से भी परहेज जरूरी है।

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