दरअसल, चाइना की शिनचुआन यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर शुलई मा का कहना है कि हमारे शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं का और कैंसर का सीधा संबंध है। इससे पहले भी हुए शोध में ये बात सामने आयी आयी थी कि, रात में लाइट के संपर्क में आने से शरीर में मेलाटोनिन की मात्रा कम हो जाती है जिससे नींद नहीं आती। मेलाटोनिन हार्मोन ब्रेस्ट कैंसर का ट्यूमर होने से बचाता है ऐसे में इस हार्मोन का कम होना कैंसर होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।
बता दें कि, यह शोध दुनियाभर में 40 लाख लोगों पर किया गया इनमें वो लोग शामिल थे जो लंबे समय से नाइट शिफ्ट करते आये हैं। ये लोग नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के रहने वाले हैं। यह शोध जर्नल कैंसर एपिडेमियोलॉजी, बायो मार्कर्स एंड प्रिवेंशन में छपा था। इसके बाद 61 शोधों को मिलाकर एक रिपोर्ट तैयार की गई जिसमें बताया गया कि इसमें नॉर्थ अमेरिका और यूरोप में नाइट शिफ्ट में काम करने वाली सबसे ज्यादा महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार थी। नाइट शिफ्ट करने वाले लोगों को रैग्यूलर हेल्थ चैकअप करवाना चाहिए जिससे किसी भी खतरे की गुंजाईश न रहे।
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