जर्नल कैंसर प्रीवेंशन रिसर्च में प्रकाशित शोध के मुताबिक, अब अगला कदम उन लोगों में क्लिनिकल ट्रायल करना होगा जिन्हें कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम सबसे ज्यादा है। फेफड़ों संबंधी हायपरटेंशन से ग्रसित समयपूर्व जन्म लेने वाले नवजातों से लेकर यौन संबंधी समस्या से ग्रसित अधिक आयु के लोगों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। उनकी टीम ने पाया कि पानी में डालकर वियाग्रा देने से चूहे में पॉलिप्स घट गए।ब्राउनिंग ने कहा, ‘‘वियाग्रा का मामूली डोज देने से इनमें ट्यूमर की संख्या घटी।’’
अनियंत्रित खान-पान और लाइफस्टाइल कोलन कैंसर होने का मुख्य कारण है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कोलन कैंसर ज्यादा होता है। जो महिलाएं फाइबर वाले आहार कम लेती हैं उनमें कोलन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। डायरिया होने से कोलन कैंसर की संभावनाएं बढ़ती हैं। लंबे समय तक कब्ज की समय से कोलन कैंसर की संभावना बढ़ती हैं।
एक टिप्पणी भेजें