- शास्त्रों में कहा गया है कि होलिका दहन के समय हवा अगर पूर्व दिशा से चले यानी पुरवाई चले तो यह बड़ा ही अच्छा शगुन होता है। पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा कहा गया है माना जाता है कि इससे साल खुशहाली भरा रहेगा। राजा प्रजा सभी के लिए साल सुखद होगा।
- अगर होलिका दहन के समय दक्षिण दिशा की हवा चले तो यह अपशकुन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे फसलों का नुकसान होगा। मंहगाई बढ़ती है और राज्य की सत्ता भंग होती है। जन विद्रोह होता है।
- होलिका दहन के समय हवा उत्तर की ओर से चलने लगे तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इसे धन की दिशा भी कहा गया है। माना जाता है कि इससे पूरे साल आर्थिक क्षेत्र में उन्नति होगी। धन और सुख बढ़ेगा।
- अगर होलिका दहन के समय धुआं सीधा आकाश की ओर जाने लगे तो यह बदलाव का सूचक है। यह संकेत है कि जिस व्यक्ति और शासक का वर्चस्व समाज और राजनीति में है उसकी सत्ता जाने वाली है। नई सत्ता और नई सरकार आने वाली है।
- पश्चिम दिशा से होलिका दहन के समय हवा चलने लगे तो यह भी अच्छा शगुन नहीं माना जाता है। इसकी वजह यह है कि इससे कृषि की हानि होती है। इसे बेकार खर पतवार की वृद्धि का योग भी माना जाता है।
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