असुरों के लिए ज्यादा संबंध रखने वाली ज्ञानी, इंद्रदेव की ओर से जो सेवा की गई वह देवताओं की बजाय असुरो को अर्पित हो गई। लेकिन जब इसकी जानकारी इंद्र को पता लगी तो इन्द्रदेव ने ज्ञानी को मृत्यु दंड दे दिया। इस कारण से इंद्रदेव को ब्रह्म हत्या पाप लग गया था। इससे बचने के उद्देश्य से इंद्रदेव एक वर्ष तक फूल की कली में छिपे रहे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने इन्द्रदेव को बचा लिया और इसका एक हल निकाला। भगवान विष्णु ने इस पाप से छुटकारा देने के लिए इंद्रदेव को कहा कि इंद्रदेव को पेड़, भूमि, जल और स्त्री में अपना थोड़ा-थोड़ा पाप बाँटना था, साथ ही उन्हें एक वरदान भी देना था।
इन्द्रदेव के पाप से छुटकारा पाने के लिए हर महिला मासिक धर्म की पीड़ा भोगनी पड़ती है। इसके बदले इंद्रदेव को भी यह वरदान मिला कि पुरुषों की तुलना में महिलाएँ काम का आनंद ज्यादा अच्छी तरह ले पाएँगी। इसी कारण से महिलाओं को हर महीनें यह पीड़ा उठानी पड़ती है।
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