टी 20 का असर अब टेस्ट में भी देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां पांच दिन खेलने के बाद भी टीमें बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकामयाब रहती थी वही आजकल टेस्ट में एक दिन में चार सौ का आकड़ा आराम से पर हो जाता है। टेस्ट क्रिकेट में पिछले डेढ़ दशक से तेजी से बदलाव देखने को मिला है। इसी प्रारूप पर कई बल्लेबाज़ों ने तेज़ी से दोहरे शतक भी लगाये हैं। तो आइये जानते है इन खिलाड़ियों के बारे में....
नाथन एस्टल (सन् 2002 में) -
सन् 2002 में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच क्राइसचर्च में खेले गए टेस्ट मैच को न्यूजीलैंड के बल्लेबाज नाथन एस्टल के तूफानी 200 रन के लिए याद किया जाता है। इस मैच में एस्टल ने धमाकेदार बल्लेबाजी की और टेस्ट क्रिकेट का सबसे तेज दोहरा शतक 153 गेंदों में ठोक दिया।
बेन स्टोक्स -
दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच कैपटाउन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैड के बेन स्टोक्स ने मैच के दूसरे दिन 163 गेंदों में दोहरा शतक लगाया और वह 198 गेंदों में 258 रन बनाकर रन आउट हो गए थे।
वीरेंद्र सहवाग -
भारत के वीरेंद्र सहवाग ने अपना सबसे तेज दोहरा शतक साल 2009 में श्रीलंका के खिलाफ लगाया था। उन्होंने मात्र 168 गेंदों में टेस्ट क्रिकेट का तीसरा सबसे तेज़ दोहरा शतक ठोंक दिया था।
ब्रैंडन मैक्कुलम -
सबसे तेज दोहरा शतक लगाने के मामले में न्यूजीलैंड टीम के पूर्व कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम चोथे स्थान पर हैं। ब्रैंडन ने यह कारनामा साल 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के तीसरे मैच में किया था। मैक्कुलम ने तूफानी बल्लेबाजी करते हुए 186 गेंदों में 200 रन ठोंक दिए थे और वह 188 गेंदों में 202 रन बनाकर आउट हुए थे ब्रैंडन ने अपनी इस पारी के दौरान कुल 11 छक्के और 21 चौके लगाए थे।
हर्षल गिब्स -
दक्षिण अफ्रीका के धुआंधार सलामी बल्लेबाज हर्षल गिब्स ने 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ केपटाउन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में एक दिन में धुआंधार 228 रन केवल 240 गेंदों में बनाए थे गिब्स ने इस टेस्ट मैच में 211 गेंदों में दोहरा शतक पूरा कर टेस्ट क्रिकेट का पांचवां सबसे तेज़ दोहरा शतक लगाया था।






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