पुराणों की मानों तो ऐसी लड़कियों को कभी अपने घर की बहू न बनाये!


आपको यदि मालूम हो की सनातन धर्म में 18 महापुराण हैं। समस्त पुराणों में हिंदू धर्म से संबंधित गूढ़ ज्ञान का रहस्य प्राप्त होता है। भगवान विष्णु के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है महर्षि पाराशर द्वारा रचित विष्णु पुराण में कुल छह अध्याय हैं जिनमें भूगोल, ज्योतिष, कर्मकाण्ड और राजवंश का वर्णन प्राप्त होता है। इसी पुराण में महिलाओं से संबंधित भी बहुत सी बातों का वर्णन किया गया है। जिसके अनुसार कुछ ऐसी

1. लड़का-लड़की एक ही गोत्र के नहीं होने चाहिए। जिस तरह भाई-बहन में पवित्र रिश्ता होता है उसी तरह सगोत्र लड़का- लड़की में भी पवित्र रिश्ता होता है। विवाह के लिए उपयुक्त कन्या वही है जो माता की सात पीढ़ियों को छोड़कर पिता के गोत्र से भिन्न हो। कहते हैं सगोत्र में विवाह करने से संतान की बौद्धिक क्षमता प्रभावित होती है और वे बच्चे विकलांग भी हो सकते हैं।

2. चाहे कोयल कौए के समान काली और कुरूप होती है परंतु उसका स्वर लोगों के कानों को इतना मधुर और प्रिय लगता है कि उसके कुरूप होने कि परवाह न कर उसकी भद्दी शक्ल की तरफ ध्यान न कर उससे स्नेह करते हैं। घर- परिवार की रक्षा कुलीन स्त्री के द्वारा होती है न की सुंदर स्त्री के माध्यम से।

3. दुष्ट पुरुषों से किसी भी तरह का संबंध रखने वाली महिलाओं के चरित्र में दोष आ सकता है। वह अपने ससुराल और मायके दोनों की प्रतिष्ठा को धूमिल करती हैं। परपुरूष से संबंध विवाह के भी कई वर्षो बाद अपना असर दिखाते हैं। इन विवाहों में असफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

4. देर रात जगने वाली और सुबह देर से उठने वाली महिलाएं शादी के बंधन में बंधने के काबिल नहीं होती क्योंकि असमय एवं देर तक सोने वाली महिलाएं अपने शरीर का तो नुकसान करती ही हैं साथ ही पारिवारिक दायित्व ठीक से नहीं निभा पाती इसलिए वो शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार रहती हैं।

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