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बुधवार के दिन गाय माता को हरी घास खिलानी चाहिए। माना जाता है कि गौ माता की सेवा से सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। यदि कुंडली में बुध ग्रह के दोष हैं तो बुधवार के दिन श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं। यदि आपकी कुंडली में बुध नीच स्थान में बैठा है और इस कारण आपको अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आप किसी ज्योतिष से कुंडली का अध्ययन करवा कर छोटी अंगुली में पन्ना रत्न धारण करें। बुधवार के दिन गणेश जी को सिंदूर चढ़ाने से लाभ होता है। मूंग, बुध ग्रह से संबंधित अनाज है। इसका दान करने से बुध ग्रह के दोष शांत होते हैं। अत: बुधवार के दिन किसी जरूरतमंद एवं गरीब व्यक्ति को मूंग का दान करें। इसके अलावा बुध ग्रह के कुप्रभाव को कम करने के लिए बुधवार की सुबह शौच-स्नानादि से पवित्र होकर गणेश जी के मंदिर जाकर दूर्वा चढ़ाने से लाभ होगा। दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाएंगें तो जल्दी ही गणेश जी की कृपा होगी।
भगवान श्री गणेश को सभी दुखों का पालनहार माना जाता है। हिंदू धर्म में प्रमुख पांच देवी-देवता यानी कि सूर्य, विष्णु, शिव,शक्ति और गणपति में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। क्योंकि गणेश जी को भौतिक, दैहिक और अध्यात्मिक कामनाओं के सिद्धि के लिए सबसे पहले पूजा जाता है। इसलिए इन्हें गणाध्यक्ष और मंगलमूर्ति कहा जाता हैं।
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गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर जब घर लाएं तो सबसे पहले यह ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं हाथ की ओर घुमी हुई हो। ऐसी मान्यता है कि दाएं हाथ की ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी प्रतिमा की पूजा से मनोकामना सिद्घ होने में देर लगती है क्योंकि इस तरह की सूंड वाले गणेश जी देर से प्रसन्न होते हैं।
गणेश जी प्रतिमा में यह भी ध्यान रखें कि गणेश जी सायुज और सवाहन हों। यानी गणेश जी के हाथों में उनका एक दंत, अंकुश और मोदक होना चाहिए।
गणेश जी एक हाथ वरदान की मुद्रा में हो और साथ में उनका वाहन मूषक भी होना चाहिए। शास्त्रों में देवताओं का आवाहन इसी रुप में होता है।जो लोग संतान सुख की कामना रखते हैं उन्हें अपने घर में बाल गणेश की प्रतिमा या तस्वीर लानी चाहिए। नियमित इनकी पूजा से संतान के मामले में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होती है। घर में आनंद उत्साह और उन्नति के लिए नृत्य मुद्रा वाली गणेश जी की प्रतिमा लानी चाहिए। इस प्रतिमा की पूजा से छात्रों और कला जगत से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिलता है। इससे घर में धन और आनंद की भी वृद्घि होती है।
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गणेश जी आसान पर विराजमान हों या लेटे हुए मुद्रा में हों तो ऐसी प्रतिमा को घर में लाना शुभ होता है। इससे घर में सुख और आनंद का स्थायित्व बना रहता है। सिंदूरी रंग वाले गणेश को समृद्घि दायक माना गया है, इसलिए इनकी पूजा गृहस्थों एवं व्यवसायियों के लिए शुभ माना गया है।वास्तु विज्ञान के अनुसार गणेश जी को घर के ब्रह्म स्थान (केंद्र) में, पूर्व दिशा में एवं ईशान में विराजमान करना शुभ एवं मंगलकारी होता है।इस बात का ध्यान रखें कि घर में जहां भी गणेश जी को विराजमान कर रहे हों वहां कोई और गणेश जी की प्रतिमा नहीं हो। अगर आमने सामने गणेश जी प्रतिमा होगी तो यह मंगलकारी होने की बजाय आपके लिए नुकसानदेय हो जाएगी।

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